ये जो देस है तेरा,
स्वदेस है तेरा
तुझे है पुकारा,
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सक्ता
मिट्टी की है जो खुश.बू,
तू कैसे भुलायेगा
तू चाहे बह जाये,
तू लौट के आयेगा
नई नई राहों मॆं,
दबी दबी आहों मॆं
खोये खोये दिल से तेरे,
कोई ये कहेगा
ये जो देस है तेरा...
तुझ्से ज़िंदगी है ये केह रही,
सब तो पालिया अब है क्या कमी
युं तो सारे सुख हैं बर्से,
पर दूर तू है अप्ने घर से
आ लौट चल तू अब दीवाने,
चल कोई तो तुझे अप्ना माने
आवाज़ दे तुझे बुलाने वोहि देस
ये जो देस है तेरा...
ये पल है वहिं,
जिस्में है छिपी
पूरी एक सदी, सारी ज़िंदगी
तू ना पूछ रास्ते में काहे
आयें है इस तरह दो राहें
तू ही तो है राह जो सुझाये
तू ही तो है जो अब ये बताये
जाये तो किस दिशा में जाये वही देस
ये जो देस है तेरा...
yea, it is a very nice song
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